पब्लिक रिलेशन्स सोसाइटी ऑफ इंडिया (PRSI), देहरादून चैप्टर द्वारा “सकारात्मक सोच और सजग मन: प्रभावी जनसंपर्क का मूल मंत्र” विषय पर एक प्रेरणादायक सत्र का आयोजन किया गया। यह आयोजन हडको कार्यालय, राजपुर रोड में हडको और आर्ट ऑफ लिविंग के सहयोग से संपन्न हुआ।
मुख्य वक्ता सुश्री श्वेता गोलानी रहीं, जो आर्ट ऑफ लिविंग की वरिष्ठ शिक्षिका एवं उत्तराखंड के लिए गवर्नमेंट एक्जीक्यूटिव प्रोग्राम (GEP) की राज्य निदेशक हैं। उन्होंने ध्यान और मानसिक शांति के महत्व पर प्रकाश डाला तथा बताया कि कैसे सजगता और संतुलनपूर्ण मन के माध्यम से जनसंपर्क में सकारात्मकता लाई जा सकती है। उन्होंने आर्ट ऑफ लिविंग की गतिविधियों की जानकारी भी साझा की।
कार्यक्रम का संचालन श्री संजय भार्गव, क्षेत्रीय प्रमुख, हडको द्वारा किया गया, जो स्वयं आर्ट ऑफ लिविंग के प्रशिक्षक भी हैं। उन्होंने पीआरएसआई को इस सार्थक पहल के लिए धन्यवाद दिया।
पीआरएसआई देहरादून चैप्टर के अध्यक्ष श्री रवि बिजारनियां ने कहा कि सकारात्मक सोच और सजगता जनसंपर्क को अधिक प्रभावशाली और अर्थपूर्ण बनाने की कुंजी है। हमें हर स्थिति को खुशी से स्वीकार करना चाहिए। मुस्कुराते हुए कोई बात कही जाए तो वो अधिक प्रभावी होती है।
कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधियों ने सहभागिता की और इस अनुभव को अत्यंत उपयोगी बताया। पीआरएसआई के सचिव अनिल सती ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम में पीआरएसआई देहरादून चैप्टर के कोषाध्यक्ष सुरेश भट्ट, सदस्य वैभव गोयल, आकाश शर्मा, अनिल वर्मा, प्रताप बिष्ट, संजय बिष्ट, पुष्कर नेगी, सुधीर राणा, अमन नैथानी, संजय सिंह, अशोक कुमार, सुनील कुमार, संजय पांडेय मौजूद थे।
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यह आयोजन वाकई प्रेरणादायक लगता है। सकारात्मक सोच और सजगता जैसे विषयों पर चर्चा करना हमेशा फायदेमंद होता है। श्वेता गोलानी जी के विचार ध्यान और मानसिक शांति के महत्व को समझाने में सक्षम लगे। आर्ट ऑफ लिविंग की गतिविधियों के बारे में जानकारी साझा करना भी अच्छा कदम है। क्या आपको लगता है कि ऐसे कार्यक्रमों का प्रभाव लोगों के जीवन में दिखता है? मैं यह जानना चाहूंगा कि इस तरह के सत्रों में भाग लेने वाले लोगों की प्रतिक्रिया क्या रही। क्या आपके पास इस बारे में कोई और जानकारी है?