दून विश्वविद्यालय में प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी दिनांक 5 से 12 अक्टूबर तक आर.टी.आई. (RTI) सप्ताह मनाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य जनसामान्य में सूचना का अधिकार अधिनियम के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। इस अवसर पर विभिन्न विद्यालयों, महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में कला, निबंध, प्रतियोगिता एवं नुक्कड़ नाटक जैसे विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
इसी श्रृंखला में थिएटर विभाग, दून विश्वविद्यालय द्वारा “राइट टू इन्फॉर्मेशन” शीर्षक से एक नुक्कड़ नाटक का सफल मंचन किया गया। यह नाटक एक बुजुर्ग व्यक्ति की कहानी पर आधारित था, जो अपनी कर्ज माफी की फाइल को लेकर महीनों से सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहा है। दफ्तर का बाबू उसका कार्य करने के बदले ₹ पांच हजार की रिश्वत मांगता है। निराश व्यक्ति की मुलाकात एक युवा नागरिक से होती है, जो उसे सूचना का अधिकार अधिनियम (Right to Information Act) के बारे में जागरूक करता है। उसके अधिकारों की जानकारी मिलने के बाद वह व्यक्ति आरटीआई लगाता है और परिणामस्वरूप बाबू को उसका कार्य तुरंत करना पड़ता है। नाटक ने समाज में पारदर्शिता और जन-जागरूकता की महत्ता का सशक्त संदेश दिया।
कार्यक्रम के अवसर पर प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल, कुलपति, दून विश्वविद्यालय ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि सूचना का अधिकार नागरिकों को शासन में भागीदारी और पारदर्शिता प्रदान करता है।
प्रोफेसर एच. सी. पुरोहित ने कहा कि ऐसे नाटक समाज में जन-जागरण का प्रभावी माध्यम हैं।
श्री दुर्गेश डिमरी, कुलसचिव, ने अपने संबोधन में कहा कि आरटीआई अधिनियम लोकतांत्रिक व्यवस्था की आत्मा है, जो नागरिकों को अपनी बात रखने का सशक्त माध्यम देता है।
इस अवसर पर डॉ. अजीत पंवार, डॉ. कैलाश कंडवाल, डॉ. मानवेंद्र सहित विभाग के अन्य शिक्षक उपस्थित रहे।
नुक्कड़ में में निम्न छात्र छात्रओं ने प्रतिभा किया. रिया पंवार, निशा उपाध्याय, शुभा भट्ट भसीन, वैशाली नेगी, कमलेश कुमार, अनन्त तिवारी, अकांश कक्कड़, अंजेश कुमार, राजेश भारद्वाज, सरिता भट्ट, सरिता जुयाल आदि.
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