भालू की दहशत से डीएम और एसडीओ वन विभाग से मिला ग्रामीण शिष्टमंडल

भालू की दहशत से डीएम और एसडीओ वन विभाग से मिला ग्रामीण शिष्टमंडल

विकासखंड कल्जीखाल के मनियारस्यूं क्षेत्र में भालू का आंतक लगातार बढ़ता जा रहा है विगत दिनों हुए घटना में भालू ने बडकोट गांव में गर्भवती गाय को जान से मार दिया है इससे पहले भालू क्षेत्र के अन्य गांवों में मवेशियों को मार चुका है। पिछले कुछ महीनों से भालू का आंतक इस क्षेत्र में लगातार बढ़ता जा रहा है भालू की दहशत इतनी बनी है कि बच्चे भी स्कूल नहीं जा रहे हैं, भालू गौशालाओं को तोड़कर मवेशियों को मार रहा है। आज मनियारस्यूं क्षेत्र के ग्राम दिऊसा, बडकोट, भटकोटी, कठूड़, असगढ़ के ग्रामीणों का एक शिष्टमंडल प्रभागीय वनाधिकारी गढ़वाल सम्भाग पौड़ी को ज्ञापन दिया गया,

एसडीओ वन विभाग आईशा बिष्ट ने कहा कि अद्वानी रेंज से प्रतिदिन रिपोर्ट आ रही है उसी के आधार पर शासन को प्रेषित जा रही है। इसके बाद शिष्टमंडल ने जिलाधिकारी गढ़वाल से मुलाकात की और क्षेत्र की समस्या से अवगत कराया ग्रामीणों ने कहा कि क्षेत्र में लगातार भालू का आंतक जारी है जिससे क्षेत्र में दहशत बनी हुई है, घटनाएं दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है उन्होंने पैठाणी क्षेत्र की तर्ज पर दहशत का पर्याय बन चुके भालू को मारने के आदेश जारी करने की मांग की है ग्रामीणों ने प्रशासन को चेताया है कि यदि शासन प्रशासन समय रहते कोई समाधानात्मक कार्रवाई नहीं होती है तो वह पौड़ी मुख्यालय में धरने पर बैठेंगे जरूरत पड़ेगी तो भूख हड़ताल के लिए भी बाध्य होंगे, ग्रामीण रमेशचंद्र व प्रधान नवीन कुमार का कहना है कि दहशत का पर्याय बन चुके भालू द्वारा जानमाल का आंतक हो उससे पहले क्यों ना भूख हड़ताल से अपनी कुर्बानी दी जाएगी। ज्ञापन देने वालों में नवीन कुमार, रमेशचंद्र शाह, लक्ष्मण सिंह,सुभाष कुकरेती, मनीष, गणेश, जसपाल, नरेश थपलियाल सहित अन्य ग्रामीणो की मौजूदगी रही।

One thought on “भालू की दहशत से डीएम और एसडीओ वन विभाग से मिला ग्रामीण शिष्टमंडल

  1. मनियारस्यूं क्षेत्र में भालू का आंतक वास्तव में चिंताजनक है। ग्रामीणों की सुरक्षा और मवेशियों की हानि से जुड़ी यह समस्या गंभीर रूप ले चुकी है। यह सही है कि प्रशासन को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए, लेकिन क्या भालू को मारने का आदेश देना एकमात्र समाधान है? क्या इससे पहले और भी उपाय हो सकते हैं, जैसे भालू को सुरक्षित क्षेत्र में स्थानांतरित करना? यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन ग्रामीणों की मांगों को कैसे संभालेगा और इस स्थिति का समाधान कैसे करेगा। क्या आपको लगता है कि इस समस्या का दीर्घकालिक समाधान क्या हो सकता है?

    libersave को हमारे क्षेत्रीय कूपन प्रणाली में शामिल किया गया है। यह अद्भुत है कि कैसे एक ही प्लेटफॉर्म पर विभिन्न प्रदाताओं को आसानी से जोड़ा जा सकता है। Whith regards, SHEUR

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

!-- Google tag (gtag.js) -->