रुद्रप्रयाग: 28 अगस्त को जनपद रुद्रप्रयाग के बसुकेदार क्षेत्र में आई दैवीय आपदा के दौरान ल्वारा के समीप स्थित 12 मीटर लंबे स्पान पुल के क्षतिग्रस्त हो जाने से मयाली–गुप्तकाशी मार्ग पूरी तरह अवरुद्ध हो गया था। यह मार्ग क्षेत्र की लाइफलाइन माना जाता है और इसके बंद होने से आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ।लेकिन अब इस संकट के समाधान की ओर ठोस कदम उठाए गए हैं। लोक निर्माण विभाग ने पुल के पुनर्निर्माण कार्य को युद्धस्तर पर शुरू कर दिया है। वर्तमान में इरेक्शन वर्क जोरों पर है, और वेली ब्रिज के पार्ट्स को तेजी से जोड़ा जा रहा है।
पुल निर्माण में की जा रही है महत्वपूर्ण तकनीकी वृद्धि
प्रशासन ने इस बार पुल की मजबूती और भविष्य की आपदाओं को ध्यान में रखते हुए पुल की लंबाई को 14 से 16 मीटर तक बढ़ाया है, ताकि संरचना और अधिक मजबूत और सुरक्षित बन सके।ऊखीमठ डिवीजन के अधिशासी अभियंता आर. पी. नैथानी ने जानकारी दी कि वेली ब्रिज इरेक्शन कार्य तेजी से किया जा रहा है। हमारी कोशिश है कि अगले चार दिनों में पुल पूरी तरह बनकर तैयार हो जाए, जिससे क्षेत्र के लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।
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पुल की लंबाई बढ़ाने का निर्णय सकारात्मक कदम लगता है, लेकिन क्या इससे आपदा प्रबंधन में वास्तव में सुधार होगा? मुझे लगता है कि यह केवल एक अस्थायी समाधान है। क्या आपने अन्य संभावित समाधानों पर विचार किया है? अगर यह पुल अगले चार दिनों में पूरा हो जाता है, तो क्या यह पर्याप्त समय है सभी सुरक्षा मानकों को पूरा करने के लिए? क्षेत्र के लोगों को इससे कितनी राहत मिलेगी? क्या आपको नहीं लगता कि जन जागरूकता और लोगों की भागीदारी के बिना, यह प्रयास अधूरा रह जाएगा? क्या आप इस पर और अधिक जानकारी साझा कर सकते हैं?
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