कैबिनेट मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ. धन सिंह रावत को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा सिल्वर एलीफेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा। यह प्रतिष्ठित पुरस्कार, जो भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक है, डॉ. रावत के सार्वजनिक सेवा, शिक्षा, स्वास्थ्य, सहकारिता और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में अथक योगदान को मान्यता प्रदान करता है। अवॉर्ड वितरण समारोह राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली में आयोजित होगा, जहां देशभर के 19 अन्य प्रमुख व्यक्तियों को भी विभिन्न श्रेणियों में सम्मानित किया जाएगा। यह खबर उत्तराखंड की राजनीति और सामाजिक क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित हो रही है, क्योंकि राज्य का कोई कैबिनेट मंत्री पहली बार इस ऊंचे सम्मान से नवाजा जा रहा है।
सिल्वर एलीफेंट अवॉर्ड
सिल्वर एलीफेंट अवॉर्ड भारत गणराज्य का तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जो पद्म पुरस्कारों के बाद आता है। यह भारतीय गणराज्य के नागरिकों को उनके सार्वजनिक सेवा, सामाजिक कार्य, कला, साहित्य, विज्ञान और पर्यावरण संरक्षण जैसे क्षेत्रों में असाधारण योगदान के लिए प्रदान किया जाता है। पुरस्कार में एक सिल्वर एलीफेंट की प्रतिकृति, प्रमाण-पत्र और नकद राशि (लगभग 1 लाख रुपये) शामिल होती है। राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षरित यह सम्मान प्रतिवर्ष गणतंत्र दिवस से पूर्व घोषित किया जाता है। 2025 के लिए घोषित 20 सम्मानों में डॉ. रावत का नाम शिक्षा और ग्रामीण विकास के नवाचारी प्रयासों के लिए चयनित हुआ है।
डॉ. धन सिंह रावट का सफर: गांव से कैबिनेट तक की प्रेरणादायक कहानी
डॉ. धन सिंह रावत का जन्म 7 अक्टूबर 1972 को पौड़ी गढ़वाल जिले के एक छोटे से गांव में हुआ। गांव के ही स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्होंने हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से इतिहास में एमए और पीएचडी की उपाधि हासिल की। राजनीति में प्रवेश से पूर्व वे भाजपा के प्रदेश सचिव रहे और 2012 में पहली बार श्रीनगर गढ़वाल विधानसभा सीट से चुनाव लड़े, हालांकि सफलता 2017 में मिली। तब से वे लगातार विधायक चुने जाते रहे हैं।
वर्तमान पुष्कर सिंह धामी सरकार में डॉ. रावत शिक्षा, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, सहकारिता, आपदा प्रबंधन, डेयरी विकास और प्रोटोकॉल जैसे महत्वपूर्ण विभागों का दायित्व संभाल रहे हैं। उनके नेतृत्व में उत्तराखंड ने उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात (GER) को 50% तक पहुंचाने का लक्ष्य हासिल किया है, जो राष्ट्रीय औसत से कहीं ऊपर है। 2025-26 के लिए घोषित शिक्षा रोडमैप में डिजिटलीकरण, रोजगारपरकता बढ़ाने और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के अनुरूप सुधार प्रमुख हैं। स्वास्थ्य क्षेत्र में उन्होंने दूरस्थ पहाड़ी इलाकों में 220 नए चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती और 300 अतिरिक्त डॉक्टरों की नियुक्ति सुनिश्चित की, साथ ही बंधन-भंग करने वाले एमबीएस डॉक्टरों पर सख्त कार्रवाई की।
सहकारिता विभाग में डॉ. रावत ने उत्तराखंड को 2026 तक पूर्ण जैविक राज्य बनाने की दिशा में क्रांतिकारी कदम उठाए। वर्तमान में राज्य के 95 विकासखंडों में से 62 जैविक प्रमाणित हो चुके हैं, और 42 पहाड़ी खंडों में 100% जैविक कवरेज का लक्ष्य है। किसानों को ब्याज-मुक्त ऋण (1 लाख तक) प्रदान करने वाली योजना ने हजारों को लाभ पहुंचाया। आपदा प्रबंधन में उन्होंने हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय में डेडिकेटेड सेंटर स्थापित किया। इसके अलावा, उन्होंने यूरोप, सिंगापुर, दुबई और ताइवान जैसे देशों में शिक्षा एवं स्वास्थ्य प्रणालियों का अध्ययन कर राज्य में नवाचारी प्रयोग लागू किए।
डॉ. रावत को इससे पूर्व भी ‘भारत युवा पुरस्कार’ (2025) जैसे सम्मान मिल चुके हैं, जो जनसेवा, शिक्षा और स्वास्थ्य में उनके योगदान को रेखांकित करते हैं।

Alright peeps, EC777game’s got some cool stuff going on. Give it a look if you’re bored. Just sayin’ ec777game!
gold coast casino las vegas
Feel free to visit my web site – http://www.bookmerken.de